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Eligible For Puja: Anyone 13 Students enrolled
Last updated Sat, 01-Jun-2024 English

 

 

 

 

 

सर्वप्रथम 1 से 2 को फिर 3 से 4 को फिर 3 से 6 को फिर 5 से 1 को फिर 2 से 8 को फिर 7 से 4 को फिर 9 से 5 को फिर 6 से 10 को फिर 12 से 7 को फिर 8 से 11 को मिलाएं तथा 13, 14, 15, 16 के स्थान पर बिन्दी लगाएं। सही और शुद्ध सात्विक विधि से तंत्र शास्त्र, मंत्र शास्त्र एवं वेद-पुराणों के अनुसार आपका स्वस्तिक तैयार हो गया। लाखों में से एक-दो व्यक्ति ही ऐसे होंगे जो इस विधि से स्वस्तिक बनाते हैं, जबकि सतयुग, त्रेता एवं द्वापर में प्रत्येक घर में इस विधि से ही स्वस्तिक निर्माण होता था। अब आप स्वयं सोचिए कि हमारी पौराणिक शक्तियां कैसे फलीभूत हों, क्योंकि जब हमें विधि का ही ज्ञान नहीं है और हम स्वयं ऊपर से नीचे कैसे भी लकीर खींच कर स्वस्तिक निर्माण कर देते हैं, वैसे ही हम भी ऊपर से नीचे आ जाते हैं, अर्थात धनवान से गरीब हो जाते हैं। इस प्रकार स्वस्तिक बनाने की पौराणिक प्रक्रिया भी संभवतः इस सिद्धान्त पर आधारित रही होगी कि सदैव प्रगति करना अर्थात नीचे से ऊपर की ओर उठना चाहिए। इस प्रकार स्वस्तिक निर्माण करने के बाद उसे बार-बार न देखें। प्रभु कृपा से आप शीघ्र ही व्यवसाय में प्रगति एवं लाभ का अनुभव करेंगे। यह बहुत ही शुद्ध एवं सात्विक क्रिया है। व्यापारी